CBSE Class 10 Hindi Course A Question Paper 2023-24 SET 1

CBSE Class 10 Hindi Course A Question Paper 2023-24 SET 1

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Series D3BCA/1
Question Paper Code 3/1/1 Set 1


HINDI COURSE A
(Session 2023-24)

निर्धारित समय : 3 hours
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश :

निम्ननिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिये।

  • इस प्रश्नपत्र में कुल 17 प्रश्न हैं | सभी प्रश्न अनिवार्य हैं |
  • इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं। खंड - 'अ' और खंड - 'ब'। खंड - 'अ' में बहुविकल्पी / वस्तुपरक और खंड - 'ब' में वर्णात्मक प्रश्न दिए गए हैं। 
  • खंड - 'अ' में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड - 'ब' में कुल 7 प्रश्न हैं। सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प  भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए। 
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
खंड – अ (हुविकल्पी / वस्तुपरक प्रश्न )

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।
भारत एक विशाल देश है। यहां के विभिन्न राज्यों की अपनी क्षेत्रीय भाषाएँ हैं। स्वतंत्रता के पश्चात से मातृभाषा को प्रोत्साहित करने की बातें चर्चा में रही हैं। परंतु इनके विकास के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। इसके कारण प्रत्येक क्षेत्र में विदेशी भाषा अंग्रेजी का वर्चस्व स्थापित हो गया। नेल्सन मंडेला ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति की सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में होती है। अगर किसी व्यक्ति से उसकी मातृभाषा में बात करें तो वह बात दिल तक पहुँचती है।
यह सर्वविदित है कि मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना अत्यंत सहज एवं सुगम होता है। अपनी मातृभाषा में विद्यार्थी किसी भी विषय को सरलता से समझ लेता है जबकि अन्य भाषाओं में उसे कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विश्व भर में शिक्षाविदों मातृभाषा में शिक्षा प्रदान किए जाने को महत्व दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार अपनी मातृभाषा में चिकित्सा की पढ़ाई करवाने वाले देशों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति अन्य देशों की तुलना में अच्छी है। चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और जापान सहित अनेक देश अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। सर्वविदित है कि ये देश लगभग प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी हैं। इन देशों ने अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करके ही उन्नति प्राप्त की है। यदि स्वतंत्रता के पश्चात भारत में भी मातृभाषा में चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाती तो हम आज विश्व में और अधिक बेहतर स्थिति में होते। वर्तमान में इस दिशा में ठोस और क्रांतिकारी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
(i) किसी भी देश के आधारभूत विकास के लिए आवश्यक है :
(A) तकनीकी शिक्षा का विस्तार होना 
(B) चिकित्सीय शिक्षा का विस्तार होना 
(C) किसी भी भाषा में शिक्षा देना
(D) मातृभाषा में शिक्षा का विस्तार होना
(ii) स्वास्थ्य और चिकित्सा की दृष्टि से कौन-से देश अच्छी स्थिति में हैं?
(A) मातृभाषा में चिकित्सीय शिक्षा देने वाले देश
(B) अपनी राष्ट्रभाषा को मातृभाषा बनाने वाले देश
(C) राष्ट्रभाषा और मातृभाषा को समान मानने वाले देश
(D) अंग्रेजी भाषा से दूरी बनाने वाले देश
(iii) भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के अपेक्षाकृत कम विकसित होने के क्या कारण है?
(A) हिंदी भाषा का वर्चस्व
(B) अंग्रेजी भाषा का वर्चस्व
(C) उपयुक्त प्रयासों का अभाव
(D) स्थानीय इच्छाशक्ति का अभाव
(iv) 'मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना आसान होता है।' इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित में से कौन सा / कौन से तर्क सही है / हैं?
1. मातृभाषा में प्राप्त ज्ञान को समझना सरल है
2. मातृभाषा में प्राप्त ज्ञान को समझना जटिल है
3. मातृभाषा अन्य भाषाओं से सरल-स्वरूप होती है
4. मातृभाषा और दूसरी भाषा में कोई अंतर नहीं है
विकल्प
(A) 1 सही है
(B) 3 सही है
(C) 1 और 2 सही है
(D) 1 और 4 सही है 
(v) कथन और कारण पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए:
कथन - भारत में शिक्षा के माध्यम में बदलाव वर्तमान की आवश्यकता है।
कारण - शिक्षा के माध्यम के प्रति दृष्टिकोण समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
(A) कथन गलत है, किन्तु कारण सही है
(B) कथन और कारण दोनों ही गलत है
(C) कथन सही है और कारण, कथन की सही व्याख्या है
(D) कथन सही है किंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं है

2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
सच से हटकर जिए तो क्या जिए हम या कि तुम।
जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृंत से झर कर कुसुम।
जो लक्ष्य भूल रुक नहीं, जो हार देख झुका नहीं।
जिसे प्रणय पाथेय माना, जीत उसकी ही रही।



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